Examine This Report on वशीकरण मंत्र किसे चाहिए



कामदेव जिन्हें मोहन साधना के देव माना जाता है इनकी साधना के दौरान ध्यान हो तो साधना में सहायता मिलती है.

शनिवार के दिन हनुमानजी को सिन्दूर का चोला चढ़ाकर विधिपूर्वक पूजा करके प्रतिदिन एक माला के क्रम से इक्कीस दिन तक मन्त्र जपें। फिर प्रयोग करने के लिए मन्त्रजप करते हुए चौराहे की मिट्टी का ललाट पर तिलक लगाकर जिस भी व्यत्तिः के सामने जायेगा, वह उसकी आज्ञा का पालन अवश्य करेगा।

विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।

कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा कार्य हो वैसा ही शक्ति का उपयोग किया जाता है। वे समस्त शक्तियां ईश्वर पूर्ण ब्रह्म की हैं और पूर्व की समता में उसके किसी अंश पर अधिकार पा सकना सहज साध्य है । अतएव मन्त्रों के आचार्यों ने ईश्वर की विभिन्न शक्तियों के ही मन्त्र बनाए हैं। मूर्ख ब्राह्मण के नाम पर बनाये गए मन्त्रों द्वारा more info सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को जीत कर उसी की प्राप्ति की जा सकती है तदर्थ बहन छोटे मोटे कार्यों के लिये प्रयुक्त करना आवश्यक नहीं समझा जाता। किसी प्रयोग या क्रिया का जो नियम निर्धारित किया गया है, उसे मित्र कहते हैं ।

वशीकरण को आध्यात्मिक प्रक्रिया माना जाता है, लेकिन इसका मनोवैज्ञानिक पहलू भी है। यह व्यक्ति के अवचेतन मन को सकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित करता है, जिससे उनके विचार और भावनाएं बदलती हैं।

इसके लिए आपको ऊपर दिए गए मंत्र का प्रयोग निम्न तरह से करना है.

अनुष्ठान की विधि: इसमें विशेष सामग्री जैसे सिंदूर, फूल, दीपक, या यंत्रों का उपयोग किया जाता है।

इस मन्त्र को एक हजार बार जप कर सिद्ध कर लेने के बाद जब प्रयोग करना हो तो निम्नांकित प्रयोग करें-

फुरो मंत्र इश्वरो वाचा बे माता की आज्ञा

इस मंत्र का प्रयोग सिर्फ एक बार में एक व्यक्ति पर ही सिद्ध होता है.

(ध्यान के लिए एक-एक शब्द को समझना जरूरी है, हालांकि इसका मंत्र संस्कृत में भी उपलब्ध है, लेकिन ध्यान पक्ष का मंत्र हिंदी में दिया गया है ताकि साधक को अर्थ समझने में कोई बाधा न आए।)

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विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप करके सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार उच्चारण करके उसे अभिमंत्रित करें। जिस स्त्री पर यह फूल डाला जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।

देवी के अमृत वचन सुनने के लिए देवी सरस्वती और लक्ष्मी भी उत्सुक रहती हैं। तीनों लोकों में पूजी जाने वाली देवी कामाख्या दयालु और मंगलकारी हैं।

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